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मंगलमय हो जीवन सबका..........

आज दिनांक ६.४.२४ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति
.......... मंगलमय हो जीवन सबका..........

दुआ यही निकली है मुख से मस्तक ऊंचा रहे वतन का,
न हों कामयाब कुचालें अरि की,सपना सच हो जाये वतन का।

भितरघाती कुछ गद्दारों ने गुप्त सूचना दी हैं अरि को,
चांदी के चन्द सिक्के दे कर अरि ने  ख़रीद लिया है उनको।

वतन की है परवाह नहीं चन्द सिक्के उनको प्यारे हैं,
अरि के हाथों मरने वालों के ये ही हत्यारे हैं।

दुआ मांगते जगत-नियन्ता से  अक्षुण रहे सम्मान  वतन का,
खुशहाल रहें सब भारतवासी,मंगलमय हो जीवन सबका।

जयचन्द, मीर जाफ़िर और  मीर कासिम  प्रमुख गद्दार बने,
करके सहायता अंग्रेजों की  भारत -विरोधी -लालची बने।

चन्द पैसों की ख़ातिर  गद्दारों ने देश का सौदा कर डाला,
नहीं ईमान रक्खा स्वयं का ,धोखे से देश भी बेच डाला।

सोने की चिड़िया देश था अपना, अंग्रेजों ने लूट-खसोट करी,
ले गये भर भर सोना-चांदी  हालात देश की ज्रर्जर कर दी।

भूल के उस ग़ुलाम जीवन को  दुआ है  अब  स्वराज्य वतन का,
न हों कामयाब कुचालें अरि की ,मंगलमय हो जीवन‌ सबका।

आनन्द कुमार मित्तल

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4 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 10:38 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

08-Apr-2024 08:09 PM

बहुत खूब

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Varsha_Upadhyay

07-Apr-2024 10:02 PM

Nice

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